Sunday, September 20, 2009

अंधेरे का दीपक

अंधेरे का दीपक

है अंधेरी रात पर
दीवा जलाना कब मना है ?
(1)
कल्पना के हाथ से कम-
नीय जो मंदिर बना था,
भावना के हाथ ने जिसमें
बितानों का तना था,
स्वप्न ने अपने करों से
था जिसे रुचि से संवारा,
स्वर्ग के दुष्प्राप्य रंगों
से, रसों से जो सना था,
ढह गया वह तो जुटाकर
ईंट, पत्थर कंकडों को
एक अपनी शांति की
कुटिया बनाना कब मना है ?
है अंधेरी रात पर
दीवा जलाना कब मना है ?


(2)
बादलों के अश्रु से धोया
गया नभ-नील नीलम
का बनाया था गया मधु-
पात्र मनमोहक मनोरम,
प्रथम उषा की किरण की
लालिमा सी लाल मदिरा
थी उसी में चमचमाती
नव घनों में चंचला सम,
वह अगर टूटा मिलाकर
हाथ की दोनो हथेली,
एक निर्मल स्त्रोत से
तृष्णा बुझाना कब मना है ?
है अंधेरी रात पर
दीवा जलाना कब मना है ?
(3)
क्या घडी थी एक भी
चिंता नही जो पास आई,
कालिमा तो दूर, छाया
भी पलक पर थी ना छाई,
आंख से मस्ती झपकती,
बात से मस्ती टपकती,
थी हँसी ऎसी जिसे सुन
बादलॊं ने शर्म खाई,
वह गई तो ले गई
उल्लास के आधार, माना,
पर अथिरता पर समय की
मुसकराना कब मना है ?
है अंधेरी रात पर
दीवा जलाना कब मना है ?
(4)
हाय, वे उन्माद के झोंके
कि जिनमें राग जागा,
वैभवों से फेर आंखें
गान का वरदान मांगा,
एक अंतर से ध्वनित हों
दूसरे में जो निरंतर,
भर दिया अंबर-अवनि को
मत्तता के गीत गा-गा,
अंत उनका हो गया तो,
मन को बहलाने की खातिर,
ले अधूरी पंक्ति कोई
गुनगुनाना कब मना है ?
है अंधेरी रात पर
दीवा जलाना कब मना है ?
(5)
हाय, वे साथी कि चुम्बक-
लौह - से जो पास आये,
पास क्या आये, ह्रदय के
बीच ही गोया समाये,
दिन कटे ऎसे कि कोई
तार वीणा के मिलाकर
एक मीठा और प्यारा
ज़िंदगी का गीत गाये,
वे गये तो सोचकर यह
लौटनेवाले नही वे,
खोज मन का मीत कोई
लौ लगाना कब मना है ?
है अंधेरी रात पर
दीवा जलाना कब मना है ?
(6)
क्या हवाएँ थी कि उजड़ा
प्यार का वह आशियाना
कुछ ना आया काम तेरा
शोर करना, गुल मचाना,
नाश की उन शक्तियों के
साथ चलता जोर किसका,
किंतु ऎ निर्माण के
प्रतिनिधि, तुझे होगा बताना,
जो बसे हैं वे उजड़ते
हैं पृकति के जड़ नियम से
पर किसी उजड़े हुए को
फिर बसाना कब मना है ?
है अंधेरी रात पर
दीवा जलाना कब मना है ?


4 comments:

  1. आपका ब्लॉग जगत में स्वागत हैं

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  2. बहुत सुन्दर रचना के लिये बधाई। ब्लॉग जगत में स्वागत हैं आपका.........आपको हमारी शुभकामनायें
    सतत लेखन के लिए बधाई। मेरे ब्लोग पर भी कुछ है।

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